आचार्य पंडित श्री महेश गुरूजी नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी मंदिर के प्रख्यात विद्वान ज्योतिषाचार्य एवं वैदिक शास्त्र में निपुण है | आचार्य पंडित श्री महेश गुरूजी ने अपनी समस्त शिक्षा दीक्षा द्वारा कई जन कार्यों को सफलतापूर्वक सिद्ध किए हैं |पंडित श्री महेश गुरूजी ने वैदिक एवं ज्योतिष शास्त्र में अपनी शिक्षा उज्जैन से की है, जिसके फलस्वरूप इन्हे आचार्य के पद से सम्मानित किया गया है |

बगलामुखी अनुष्ठान

शत्रु को पराजित करने में, शत्रुओं का नाश करने में, कोर्ट कचहरी के मामलो में, सम्मोहन में, आकर्षण में, उच्चाटन के लिए, गुप्त शत्रु बाधा, राजनीती में स्थायित्व हेतु, सर्वत्र विजय प्राप्ति हेतु, न्यायालय बिध्न बाधा, कर्ज से मुक्ति के लिए, सम्मोहन आदि बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी समस्याओं के समाधान के लिए बगलामुखी अनुष्ठान किया जाता है |

माँ बगलामुखी बीज मंत्र -

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय । जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।।

मां बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा

मां बगलामुखी का यह मंदिर मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा कस्बे में लखुन्दर नदी के किनारे स्थित है। यह मन्दिर तीन मुखों वाली त्रिशक्ति बगलामुखी देवी को समर्पित है। मान्यता है कि द्वापर युग से चला आ रहा यह मंदिर अत्यंत चमत्कारिक भी है। इस मन्दिर में विभिन्न राज्यों से तथा स्थानीय लोग भी एवं शैव और शाक्त मार्गी साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते रहते हैं। यहाँ बगलामुखी के अतिरिक्त माता लक्ष्मी, कृष्ण, हनुमान, भैरव तथा सरस्वती की मूर्तियां भी स्थापित हैं। कहते हैं कि इस मंदिर की स्थापना महाभारत में विजय के उद्देश्य से भगवान कृष्ण की सलाह पर युधिष्ठिर ने की थी। मान्यता यह भी है कि यहाँ की बगलामुखी प्रतिमा स्वयंभू है। प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख है जिनमें से एक है बगलामुखी। माँ भगवती बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है। विश्व में इनके सिर्फ तीन ही महत्वपूर्ण प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें सिद्धपीठ कहा जाता है। यह मन्दिर उन्हीं में से एक बताया जाता है |

माँ बगलामुखी बीज मंत्र -

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय । जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।।

मां बगलामुखी मंदिर, नलखेड़ा

मां बगलामुखी का यह मंदिर मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के नलखेड़ा कस्बे में लखुन्दर नदी के किनारे स्थित है। यह मन्दिर तीन मुखों वाली त्रिशक्ति बगलामुखी देवी को समर्पित है। मान्यता है कि द्वापर युग से चला आ रहा यह मंदिर अत्यंत चमत्कारिक भी है। इस मन्दिर में विभिन्न राज्यों से तथा स्थानीय लोग भी एवं शैव और शाक्त मार्गी साधु-संत तांत्रिक अनुष्ठान के लिए आते रहते हैं। यहाँ बगलामुखी के अतिरिक्त माता लक्ष्मी, कृष्ण, हनुमान, भैरव तथा सरस्वती की मूर्तियां भी स्थापित हैं। कहते हैं कि इस मंदिर की स्थापना महाभारत में विजय के उद्देश्य से भगवान कृष्ण की सलाह पर युधिष्ठिर ने की थी। मान्यता यह भी है कि यहाँ की बगलामुखी प्रतिमा स्वयंभू है। प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख है जिनमें से एक है बगलामुखी। माँ भगवती बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे विशिष्ट है। विश्व में इनके सिर्फ तीन ही महत्वपूर्ण प्राचीन मंदिर हैं, जिन्हें सिद्धपीठ कहा जाता है। यह मन्दिर उन्हीं में से एक बताया जाता है |

माँ बगलामुखी भक्त की महिमा

है पिताम्बरा बगलामुखी आ परम विद्या हो तीनो लोक की जननी हो मुसीबतों का नाश करने वाली हो शत्रु की जिव्हा को किलिल करने वाली त्रिशूल धारणी है। भगवती आप ही हो जब से में आप के मंदिर आकर आप के दर्शन किये तब से मुझे आत्म शक्ति मिल गई है आखो से अंधेरा हट गया है लड़खड़ाते पाँव में खड़े रहने की शक्ति आ गई है। जब ही तो धर्म ग्रंथ कहते है कि आप वर दे शप्रिया वीर भूषण भूषिता हो ।

तुम आदिशक्ति हो यह ज्ञान बहुत देर बाद मिला तो शत्रुओ का नाश करने वाली त्रिशूल धारणी हो, तुम्हारे द्वार पर जो भक्त रोते हुए आता ओर हस्ते हुए जाता है बहुत देर से ज्ञात हुआ संसार मे इस लिए कह है तुम बगलामुखी सर्वेति दुस्टानाम त्वाचमे च मुखं पदम स्तम्येति जिव्हांकीलय बुद्धि मत विनाशये ति तारणच स्थिर स्थिर मायान्ततो वदेत | 

OUR SERVICES

आपकी सभी समस्याओ का समाधान आचार्य पंडित श्री महेश गुरूजी द्वारा..

बगलामुखी हवन

वशीकरण

आकर्षण

शत्रु विनाश रोगनाश

शत्रु स्तम्भन

न्यायिक विजय

उच्चाटन

लक्ष्मी प्राप्ति

मंगल दोष भात पूजा

कालसर्प दोष पूजा

पितृ दोष निवारण

वास्तु दोष शांति

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माँ बगलामुखी यंत्र

माँ बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। माँ बगलामुखी यंत्र धार्मिक कार्यों में शुभ माना जाता है। धर्मशास्त्रो के अनुसार बगलामुखी यंत्र तत्काल लाभ देने वाला होता है, यह यंत्र स्तम्भन करने हेतु उपयोग में लाया जाता है, इस यंत्र के प्रयोग से प्रेतबाधा व यक्षिणीबाधा का नाश होता है।

यह यंत्र मनोवांछित फल देने वाला होता है यह यन्त्र अन्य कार्यों के लिए भी काफी उपयोगी माना जाता है बुरी शक्तियों से बचाव तथा कार्यों में उन्नति के लिए इस यंत्र को उपयोग में लाया जाता है। मान्यता है कि बगलामुखी यंत्र व्यक्ति को परेशानियों से निवारण तथा जन्म और मृत्यु के चक्र से निकाल कर मुक्त भी करता है।

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पंडित जी को समस्त प्रकार के अनुष्ठानो का प्रयोगात्मक ज्ञान, सम्पूर्ण पूजन एवं विधि विधान की जानकारी और अनुभवों द्वारा आपके सभी दोष एवं बाधाओं के निवारण के कार्यों को करते हुए 15 वर्षो से भी ज्यादा हो गया है |

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